पिथौरागढ़। भारत माता की रक्षा के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने में सीमांत का गौरवशाली इतिहास रहा है। सामने चीन हो या फिर पाकिस्तान सीमांत के योद्धाओं ने डटकर सामना किया और भारत माता की रक्षा के लिए अपनी जान की बाजी लगा दी। वर्ष 1999 में कारगिल युद्ध के दौरान जनपद के चार जांबाजों ने अपना सर्वोच्च बलिदान दिया। इनमें किशन सिंह भंडारी, गिरीश सिंह सामंत, कुंडल बेलाल और जवाहर सिंह शामिल थे। कारगिल विजय दिवस पर प्रतिवर्ष साल के एक दिन 26 जुलाई को शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए उनके परिजनों को सम्मानित किया जाता है। इसके बाद शहीद के परिजनों की कोई सुध नहीं लेता