कॉलेज ऑफ नर्सिंग के नए बैच ने ली शपथ

एम्स, ऋषिकेश के कॉलेज ऑफ नर्सिंग में वर्ष 2024 बीएससी (ऑनर्स) नर्सिंग प्रथम वर्ष के नए बैच के स्वागत एवं शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन किया गया। समारोह का संस्थान की कार्यकारी निदेशक एवं सीईओ प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह, मुख्य अतिथि नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ नर्सिंग एजुकेशन पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ की प्रिसिपल प्रोफेसर (डॉ.) सुखपाल कौर व विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम कंडवाल ने संयुक्तरूप से विधिवत शुभारंभ किया। नर्सिंग पेशेवरों से जु़ड़े इस समारोह में डीन एकेडमिक्स प्रोफेसर डॉ. जया चतुर्वेदी, चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. संजीव कुमार मित्तल, डीन परीक्षा प्रो. प्रशांत एम पाटिल ने विशेषरूप से शिरकत की।

इस अवसर पर बीएससी तृतीय वर्ष नर्सिंग की छात्रा सुश्री अनित्रा उन्नी ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया। कार्यकारी निदेशक और सीईओ प्रो. मीनू सिंह ने छात्राओं को आशीर्वाद देने के साथ ही नर्सिंग पेशे में शामिल होने के लिए उन्हें बधाई दी। उन्होंने कहा कि एम्स ऋषिकेश के लोगो ‘विश्ववर्गोग्यम ही धर्मो न’ के अनुसार एम्स ऋषिकेश का उद्देश्य लोगों को बीमारी से मुक्त करना है । उन्होंने नर्सिंग शिक्षा में अधिकारी जैसी गुणवत्ता लाने का सुझाव दिया। नर्सिंग एक विशिष्ट पेशा है, जिसमें टीम वर्क की आवश्यकता होती है और इसमें एक नेता अथवा नेतृत्व क्षमता के गुणों को विकसित किया जाना चाहिए।

प्राचार्य, नर्सिंग कॉलेज प्रो. (डॉ.) स्मृति अरोड़ा ने समारोह में शिरकत करने वाले सभी गणमान्य व्यक्तियों, संकाय सदस्यों, नर्सिंग ट्यूटर्स और विद्यार्थियों को बधाई दी और उनका स्वागत किया। साथ ही नर्सिंग सेवा की शपथ लेने वाले सभी छात्रों को अपनी शुभकामनाएं दीं। इस दौरान उन्होंने नर्सिंग कॉलेज और विद्यार्थियों की अब तक की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। कहा कि यह शपथ एक औपचारिक वायदा है कि नर्सें उच्च गुणवत्ता वाली स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने, नर्सिंग सेवा की गरिमा बनाए रखने के लिए नैतिकता व जिम्मेदारी से प्रयासरत रहेंगी।

डीन एकेडमिक्स, प्रो.( डॉक्टर) जया चतुर्वेदी ने नर्सिंग छात्राओं को अपने पेशेवर विकास के लिए जितना हो सके उतना बेहतर सीखने के लिए प्रेरित किया और छात्राओं को ए, बी, सी और डी यानी उपलब्धता और उपस्थिति, व्यवहार, करुणा और अनुशासन का पालन करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह इसलिए भी जरुरी है क्योंकि नर्सिंग देखभाल का पर्याय है।

चिकित्सा अधीक्षक प्रोफेसर डॉ. संजीव कुमार मित्तल ने नर्सिंग कॉलेज की उपलब्धियों को काविलेगौर बताया व उनकी सराहना की। इस दौरान उन्होंने नर्सिंग कॉलेज को अस्पताल के साथ एकीकृत करने का भी उल्लेख किया।
मुख्य अतिथि पीजीआईएमईआर चंडीगढ़ की प्रिंसिपल प्रोफेसर (डॉ.) सुखपाल कौर ने सभी छात्रा नर्सेस को इस महान पेशे को चुनने के लिए बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रत्येक नर्सिंग छात्रा को नर्सिंग शपथ में प्रत्येक शब्द के महत्व को समझना चाहिए, क्योंकि यह पेशे के लिए बहुत महत्व रखता है और इसे अपने दैनिक जीवन में उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि यह उत्सव पेशे के प्रति खुद को प्रतिबद्ध करने और रोगी की देखभाल की जिम्मेदारी का प्रतीक है। उन्होंने जोर दिया कि नर्सों को रोगियों के प्रति सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार का प्रदर्शन करना चाहिए।

विशिष्ट अतिथि उत्तराखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती कुसुम कंडवाल ने नर्सिंग छात्राओं से आह्वान किया कि ‘नए सफर में प्रगतिशील होकर आगे बढ़ते रहना, शिक्षा लेकर इस मंदिर में सेवा करते रहना’ जरुरी है। उन्होंने छात्राओं को ड्यूटी के दौरान आत्मरक्षा और सुरक्षा के बारे में जागरूक किया।

नौसीखिया नर्सों को मार्गदर्शन देने वाले इस समारोह का मुख्य उद्देश्य नर्सिंग संकाय के प्रोफेसर (डॉ.) सुखपाल और प्रोफेसर स्मृति अरोड़ा द्वारा नर्सिंग के नए विद्यार्थियों को मार्गदर्शन प्रदान करना था। प्रोफेसर (डॉ.) स्मृति अरोड़ा (प्रधानाचार्य, नर्सिंग कॉलेज) के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने फ्लोरेंस नाइटिंगेल की शपथ ली।

इस दौरान नर्सिंग विद्यार्थियों ने फ्लोरेंस नाइटिंगेल के जीवन पर आधारित एक रोल प्ले भी किया। समारोह में “ऋषि नर्सिंग न्यूजलेटर” का विमोचन भी किया गया, जिसमें गत वर्ष एम्स नर्सिंग कॉलेज द्वारा की विभिन्न गतिविधियों को शामिल किया गया।

इस दौरान सत्र 2023-2024 के शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए सभी गणमान्य व्यक्तियों द्वारा पुरस्कार वितरित किए गए। कार्यक्रम का समापन पर सुश्री रूपिंदर देओल ने धन्यवाद ज्ञापित किया।