पिथौरागढ़। चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी की जन्म शताब्दी और चिपको आंदोलन के 52 वर्ष पूरे होने के अवसर पर एक जन जागरण यात्रा का आयोजन किया गया। यह यात्रा चमोली जनपद के रैनी गाँव से शुरू हुई और पिथौरागढ़ पहुंची, जहां स्थानीय लोगों ने पुष्प गुच्छों से यात्रा का स्वागत किया।

इस अवसर पर मानस एकेडमी के सिटी कैम्पस में वन संरक्षण संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें जिला संयोजक डॉ अशोक कुमार पंत ने कहा कि वृक्षों के कटने को रोकने के साथ ही 10 गुने अधिक नए वृक्ष लगाने होंगे। यात्रा दल के संयोजक सुरेश चंद्र सुयाल ने कहा कि राज्य में घटते वन क्षेत्रफल इस बात का प्रमाण है कि राज्य में वनों का दोहन हुआ है और वनों को बचाने हेतु जन जागरण ही सर्वोत्तम उपाय है।
गौरा देवी को चिपको आंदोलन की जननी माना जाता है, जिन्होंने 1974 में रैनी गाँव में पेड़ों की कटाई के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व किया था। उनकी संकल्पबद्धता और संदेश को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर तक प्रसारित करने का आह्वान किया गया। संगोष्ठी में कार्यक्रम का समन्वयन ललित पंत तथा संचालन योगेश भट्ट ने किया। इस अवसर पर अभियान दल के प्रमोद कुमार शर्मा, ओ०पी० सिंह, संतोष शाह, दीपा जोशी, भास्कर कर्नाटक, रमेश जोशी, प्रकाश पुनेठा, डा०पीताम्बर अवस्थी, दयानन्द भट्ट, एल०पी० जोशी, पूरन चन्द्र पंत, के०सी० कसनियाल, सुनीता रावत, बेला भट्ट, डा0 दीप चौधरी, देवाशीष पंत, अंशुल पंत, अनिल शर्मा, यशोदा पाठक, द्वारिका पाण्डे, नारायण दत्त शर्मा समेत भारी संख्या में प्रबुद्ध जन, शिक्षक शिक्षिकाएं एवं विद्यार्थी मौजूद रहे।