पिथौरागढ़। पिथौरागढ़ कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में ग्राम्य विकास विभाग की योजनाओं की विस्तृत समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री सीमांत क्षेत्र विकास योजना, पलायन रोकथाम योजना, और वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत चल रहे कार्यों की प्रगति पर चर्चा हुई।
प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा:
कार्ययोजना 2025-26: जिलाधिकारी ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए प्रस्तावित 44,131 कार्यों की कार्ययोजना की समीक्षा की।
प्रोजेक्ट्स में देरी पर सख्ती: उन्होंने विलंबित प्रोजेक्ट्स पर तत्काल कार्रवाई करने का आदेश दिया। साथ ही, उन्होंने निर्माण विभागों को निर्देश दिए कि नए सरकारी भवनों का निर्माण एक ही स्थान पर किया जाए ताकि जनता को सुविधा मिल सके।
स्थानीय सामग्री का उपयोग: जिलाधिकारी ने निर्माण कार्यों में स्थानीय सामग्री का अधिकतम उपयोग करने पर जोर दिया, जिससे लागत कम हो और संरचनाएं टिकाऊ बन सकें।
पलायन रोकथाम पर रिपोर्ट: पलायन रोकथाम योजना के वास्तविक प्रभाव का आकलन करने के लिए एक समग्र रिपोर्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए।
अमृत सरोवर: मिशन अमृत सरोवर के तहत निर्मित सरोवरों की स्थिति की समीक्षा की गई। जिलाधिकारी ने कहा कि ये सरोवर केवल जल संरक्षण का माध्यम न बनकर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करें।
बड़ाबे झील का सौंदर्यीकरण: बड़ाबे झील को पर्यटन की दृष्टि से आकर्षक बनाने के लिए ठोस कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
सौर ऊर्जा का विस्तार: मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दीपक सैनी ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा लाइटें बहुत लाभकारी साबित हो रही हैं। जिलाधिकारी ने इस मॉडल को अन्य क्षेत्रों में भी लागू करने का आदेश दिया।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दीपक सैनी, परियोजना निदेशक ग्राम्य विकास आशीष पुनेठा, जिला विकास अधिकारी रमा गोस्वामी, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. संतोष नबियाल समेत कई विभागों के अधिकारी मौजूद रहे।