पिथौरागढ़। ‘नन्ही परी’ को इंसाफ दिलाने की मांग को लेकर आज पूरा पिथौरागढ़ शहर सड़कों पर उतर आया। दुष्कर्म और हत्या के मामले में आरोपी के बरी होने के फैसले के बाद से लोगों में भारी गुस्सा और निराशा है। हजारों की संख्या में उमड़ी भीड़ ने इस फैसले को पुलिस और सरकारी तंत्र की कमजोर पैरवी का नतीजा बताया और मामले की दोबारा जांच की मांग की।
सरकार की ‘बाहरी’ वकील की नियुक्ति पर भी सवाल
इस संवेदनशील मामले में उत्तराखंड सरकार द्वारा मध्य प्रदेश के एक वकील को नियुक्त करने का फैसला भी सवालों के घेरे में है। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब उत्तराखंड में ही कई अनुभवी और काबिल वकील मौजूद हैं, तो दूसरे राज्य के वकील को क्यों बुलाया गया।

‘यह केवल एक केस की नहीं, पूरे उत्तराखंड की हार है’
रामलीला मैदान से कलेक्ट्रेट तक निकाली गई विशाल विरोध रैली में युवा, महिलाएं और कई सामाजिक संगठनों के सदस्य शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने साफ शब्दों में कहा कि यह सिर्फ एक केस की हार नहीं, बल्कि पूरे उत्तराखंड की हार है। यह राज्य की हर बेटी और बहन के साथ हुआ अन्याय है, जिसके खिलाफ अब एक बड़ा आंदोलन शुरू करने की तैयारी है। लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर ‘नन्ही परी’ को न्याय नहीं मिला, तो यह आंदोलन और भी तेज होगा।
आंदोलन की अगली रणनीति तय करने के लिए मंगलवार को संगम बारात घर में एक कोर कमेटी का गठन किया जाएगा।