पिथौरागढ़। लक्ष्मण सिंह महर राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, पिथौरागढ़ में छात्रसंघ चुनाव 2025 की तस्वीर अब पूरी तरह साफ हो चुकी है, और यह तस्वीर अपने आप में कई सवाल खड़े करती है। चुनावी प्रक्रिया के शुरुआती दिनों में जो गहमागहमी दिख रही थी, वह अचानक तब शांत हो गई जब छात्रसंघ के लगभग सभी महत्वपूर्ण पदों पर उम्मीदवार बिना किसी मुकाबले के निर्विरोध चुन लिए गए। क्या यह छात्रों के बीच आपसी समझ का नतीजा है, या फिर यह एक सोची-समझी रणनीति का हिस्सा है? यह सवाल छात्र राजनीति के गलियारों में अब चर्चा का विषय बन गया है।
अध्यक्ष पद पर ‘समरसता’ की जीत
छात्र राजनीति का सबसे प्रतिष्ठित पद, अध्यक्ष का ताज इन्द्र सिंह बथ्याल के सिर सजा। उनका निर्विरोध चुना जाना बताता है कि या तो उनके विरोध में कोई मजबूत चेहरा नहीं था, या फिर तमाम छात्र संगठनों ने मिलकर उन्हें सर्वसम्मति से स्वीकार कर लिया। यह स्थिति छात्र राजनीति के लिए शुभ संकेत हो सकती है, जहां आमतौर पर अध्यक्ष पद के लिए कड़ी टक्कर होती है। इसी तरह, पीयूष खोलिया (उपाध्यक्ष छात्र), भावना (उपाध्यक्ष छात्रा), राजेश कुमार (सचिव), और कुनाल सिंह (संयुक्त सचिव) का भी निर्विरोध निर्वाचन हुआ।
कोषाध्यक्ष पद पर कांटे की टक्कर
इस पूरी शांत चुनावी प्रक्रिया में अगर कहीं कोई चुनावी युद्ध बचा है, तो वह कोषाध्यक्ष पद पर। इस पद के लिए सुजल वर्मा और अभिनव धामी आमने-सामने हैं। अब सारी निगाहें इन दोनों पर टिकी हैं कि कौन कैंपस की अर्थव्यवस्था को संभालने की जिम्मेदारी उठाता है। इस एक पद का चुनाव ही अब छात्रों के लोकतांत्रिक अधिकार का एकमात्र प्रतीक बनकर रह गया है।

नामांकन वापसी: रणनीति या दबाव?
चुनाव प्रक्रिया के दौरान कुछ चौंकाने वाले घटनाक्रम भी हुए। संयुक्त सचिव पद के प्रत्याशी विकास डिगारी का नामांकन कम आयु के कारण रद्द होना एक सामान्य प्रक्रिया थी, लेकिन सबसे बड़ा सवाल नाम वापसी को लेकर है। कोषाध्यक्ष पद के प्रत्याशी भुवन सिंह सौन, शिक्षा संकाय प्रतिनिधि संतोष गोस्वामी, और छात्रा उपाध्यक्ष प्रत्याशी ईशा भंडारी ने आखिरी समय में अपने नाम वापस क्यों लिए? क्या यह किसी संगठन के दबाव का नतीजा था या फिर आपसी बातचीत से लिया गया फैसला? यह घटनाक्रम छात्र राजनीति की परतों को और गहरा कर देता है।
वहीं, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि के लिए तिलक राज पाठक और सांस्कृतिक सचिव के लिए अनिल कुमार का भी निर्विरोध निर्वाचन हुआ।