पिथौरागढ़। रजत जयंती उत्तराखंड स्थापना दिवस के अवसर पर कृषि केंद्र गैना में आयोजित एक दिवसीय महिला सशक्तिकरण गोष्ठी ने ग्रामीण महिलाओं की ताकत को नया आयाम दिया। पंतनगर विश्वविद्यालय के निदेशक प्रसार शिक्षा द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत करने और अतिथियों का स्वागत करने के साथ इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। इस गोष्ठी में मुख्य अतिथि के तौर पर पूर्व उप राज्यपाल महाराष्ट्र, गोवा व पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने शिरकत की, जबकि विश्वविद्यालय के कुलपति मनमोहन सिंह चौहान विशिष्ट अतिथि रहे।
कृषि में क्रांति: सब्सिडी और स्वावलंबन
अपने संबोधन में पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी ने पुष्कर सिंह धामी सरकार की कृषि नीतियों की जमकर प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड सरकार पूरे भारतवर्ष में कृषि क्षेत्र में सबसे अधिक सब्सिडी देकर जनता और सरकार के बीच एक मजबूत समन्वय स्थापित कर रही है। कोश्यारी ने विशेष रूप से महिलाओं को कृषि योजनाओं में प्राथमिकता देने पर जोर दिया।
उन्होंने कहा, “महिलाएं न केवल परिवार की रीढ़ हैं, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था की आधारशिला भी हैं।”
उन्होंने बताया कि बीज वितरण, उर्वरक सहायता, सिंचाई सुविधाओं और महिला किसान सशक्तिकरण परियोजना (एमकेएसपी) जैसी सरकारी सब्सिडी योजनाओं से लाखों महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं। उनके अनुसार, यह सब्सिडी केवल उत्पादकता नहीं बढ़ा रही, बल्कि महिलाओं को स्वावलंबी बनाकर लैंगिक समानता की दिशा में क्रांतिकारी कदम है।
धामी सरकार के प्रयास और 36 लाख महिलाएँ
कोश्यारी ने धामी सरकार के प्रयासों की सराहना करते हुए बताया कि कृषि बजट में वृद्धि और सब्सिडी दरों में बढ़ोतरी ने किसानों, विशेषकर महिला किसानों को बड़ी राहत दी है। उन्होंने आंकड़े साझा करते हुए बताया कि ग्रामीण महिला आजीविका मिशन के तहत संचालित योजनाओं से उत्तराखंड में 36 लाख से अधिक महिलाएं जुड़ी हैं, जो पर्यावरण-अनुकूल कृषि, पशुपालन और उद्यमिता के क्षेत्र में सक्रिय भूमिका निभा रही हैं।

कलावती देवी बनीं ‘आत्मनिर्भर भारत’ की सच्ची प्रतीक
गोष्ठी में ग्राम बालाकोट की महिला कलावती देवी की सफलता की कहानी प्रेरणा का केंद्र बनी। कलावती देवी ने बताया कि कृषि विज्ञान केंद्र गैना और सरकारी विभागों की सहायता से उन्होंने सीमित संसाधनों से जूझने के बजाय सब्जी उत्पादन, जैविक खेती और स्वयं सहायता समूह (SHG) के माध्यम से अपनी आय दोगुनी कर ली है और गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया है।
उनकी प्रगति से प्रभावित होकर पूर्व मुख्यमंत्री कोश्यारी जी ने उन्हें खुलकर सराहा और कहा, “ऐसी महिलाएँ ही भारत की आत्मनिर्भरता की सच्ची प्रतीक हैं। सरकारी योजनाओं का सही उपयोग करके आपने न केवल अपना, बल्कि पूरे परिवार और समुदाय का जीवन संवारा है।”
कौशल प्रशिक्षण और सम्मान समारोह
कार्यक्रम में महिलाओं के लिए कौशल प्रशिक्षण और कृषि आधारित उद्यमों को बढ़ावा देने के निरंतर प्रयासों पर बल दिया गया। जिलाधिकारी विनोद गिरी गोस्वामी ने विभिन्न सरकारी योजनाओं से महिलाओं के सशक्तिकरण की जानकारी दी। मेयर कल्पना देवलाल ने कृषि क्षेत्र में कार्यरत महिलाओं का उत्साहवर्धन करते हुए कहा कि शिक्षित और आत्मनिर्भर महिलाएं ही समाज को आगे ले जाती हैं।
उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित भी किया गया।
कार्यक्रम में दर्जा राज्य मंत्री गणेश भंडारी, जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद, जिला अध्यक्ष भाजपा गिरीश जोशी, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा, मुख्य कृषि अधिकारी अमरेंद्र चौधरी, प्रबंधक मत्स्य डॉ. राजेश चलाल, डॉ. जी.एस. बिष्ट, डॉ. अलंकार सिंह, डॉ. अभिषेक बहुगुणा, डॉ. महेंद्र सिंह, डॉ. कंचन आर्या मौजूद रहे।