फर्जी क्राइम ब्रांच अधिकारी बनकर लाखों ऐंठने वाला गिरोह, अल्मोड़ा पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी

अल्मोड़ा। साइबर ठगी के एक बड़े और सनसनीखेज मामले का खुलासा करते हुए अल्मोड़ा पुलिस की देघाट थाना और एसओजी की संयुक्त टीम ने एक शातिर अभियुक्त को राजस्थान के सूरतगढ़ से गिरफ्तार किया है। इस आरोपी ने अपने गिरोह के साथ मिलकर एक बुजुर्ग को 10 दिनों तक ‘डिजिटल अरेस्ट’ के झांसे में रखकर उनसे 18 लाख 80 हज़ार रुपये से अधिक की बड़ी धनराशि ठग ली थी। पुलिस अब इस गिरोह की पूरी चेन को तोड़ने में जुट गई है।
क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, देघाट क्षेत्र निवासी वादी गोपाल दत्त ने 05 सितंबर को पुलिस को तहरीर दी थी कि उनके साथ अज्ञात व्यक्तियों ने बैंक धोखाधड़ी में संलिप्त होने का डर दिखाकर 18 लाख 30 हजार रुपये की धोखाधड़ी की है। इस पर तत्काल थाना देघाट में एफआईआर संख्या 18/2025 के तहत संबंधित धाराओं में मुकदमा पंजीकृत किया गया।
ऐसे दिया ‘डिजिटल अरेस्ट’ का झांसा
जांच में सामने आया कि ठगों ने 25 अगस्त को वादी गोपाल दत्त को व्हाट्सएप वीडियो और वॉयस कॉल किया। पहले एक कॉलर ने उन्हें बताया कि उनका फोन नंबर गलत काम में इस्तेमाल हो रहा है और वह इसे क्राइम ब्रांच को दे रहा है।
इसके तुरंत बाद एक और वीडियो कॉल आई। इस कॉलर ने खुद को “क्राइम ब्रांच पुलिस स्टेशन दिल्ली” का अधिकारी बताते हुए बुजुर्ग को धमकाया। आरोपी ने कहा कि वह नरेश अग्रवाल नाम के व्यक्ति द्वारा की गई बैंक धोखाधड़ी में शामिल हैं और उन पर मनी लॉन्ड्रिंग का केस बनता है।
ठगों ने वादी को उसी समय ‘डिजिटल अरेस्ट’ करने की घोषणा कर दी और जेल भेजने की धमकी दी। वादी को किसी से बात न करने और स्याल्दे में किसी को कुछ न बताने की सख्त हिदायत दी गई। दहशत में आए बुजुर्ग से घर के जेवर, कैश और बैंक बैलेंस की जानकारी ली गई, यहाँ तक कि उनकी एफडी भी तुड़वा दी गई।
ठगों के निर्देश पर, वादी ने घबराकर 27 और 29 अगस्त को कुल 18 लाख 80 हजार रुपये साइबर ठगों के खातों में ट्रांसफर कर दिए। इसके बाद ठगों ने कहा कि जांच के बाद सारा पैसा जल्द वापस आ जाएगा। कई दिनों तक पैसा वापस न आने पर वादी को अपने साथ हुई धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी अल्मोड़ा, देवेन्द्र पींचा, ने तत्काल एक विशेष पुलिस टीम का गठन किया। इस टीम ने थाना देघाट और एसओजी के सहयोग से आवश्यक सुरागरसी-पतारसी और साइबर इनपुट पर काम किया।
राजस्थान से हुई गिरफ्तारी
पुलिस टीम को बड़ी सफलता तब मिली जब उन्होंने इस गिरोह के एक अभियुक्त, साहिल कुमार (उम्र 24 वर्ष) पुत्र कृष्ण कुमार, निवासी वार्ड नं.-14, शिवबाड़ी रोड, सूरतगढ़, जिला श्रीगंगानगर, राजस्थान को 14 अक्टूबर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस अब इस साइबर ठगी गिरोह के अन्य संलिप्त सदस्यों और पूरी चेन का पता लगाने में जुटी है।
एसएसपी की अपील: ‘डिजिटल अरेस्ट’ कानूनी प्रक्रिया नहीं
एसएसपी अल्मोड़ा ने आम जनता से अपील की है कि पुलिस या किसी भी अन्य विभाग में ‘डिजिटल अरेस्ट’ जैसी कोई कानूनी प्रक्रिया नहीं है। उन्होंने सभी से साइबर ठगों के झांसे में न आने का अनुरोध किया है। किसी भी प्रकार की ठगी होने पर तत्काल हेल्पलाइन नंबर 1930 पर शिकायत दर्ज कराने की सलाह दी गई है, ताकि साइबर टीम समय रहते धनराशि बचाने की कार्रवाई कर सके।
गिरफ्तारी करने वाली पुलिस टीम में उ.नि. गंगा राम गोला, थाना देघाट, हेड कानि. अवधेश कुमार एसओजी अल्मोड़ा, कानि. सुरेन्द्र सिंह, थाना देघाट, सर्विलांस टीम शामिल रहे।