पलायन पर प्रहार: अब सीमांत की चौकियों को रसद की आपूर्ति करेंगे स्थानीय पशुपालक

पिथौरागढ़। जनपद के सीमावर्ती क्षेत्रों में पलायन रोकने और स्थानीय अर्थव्यवस्था को नई संजीवनी देने की दिशा में जिला प्रशासन और सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाया है। अब एसएसबी की विभिन्न चौकियों के लिए जीवित भेड़-बकरी, मुर्गी और मछली की आपूर्ति बाहर से न होकर स्थानीय स्तर पर की जाएगी। इस महत्वपूर्ण व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी आशीष भटगांई की अध्यक्षता में एसएसबी की 55वीं वाहिनी मुख्यालय में एक त्रिपक्षीय समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए।
55वीं वाहिनी के कमांडेंट आशीष सिंह, 11वीं वाहिनी डीडीहाट के कमांडेंट डॉ. अतुल कुमार राय और मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ. योगेश कुमार शर्मा के बीच हुए इस समझौते से सीमांत के पशुपालकों के लिए समृद्धि के द्वार खुलेंगे। समझौते के तहत, भविष्य में जनपद की एसएसबी चौकियों को स्थानीय पशुपालक समूहों और फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गेनाइजेशन (एफपीओ) के माध्यम से रसद की आपूर्ति की जाएगी। इससे बिचौलियों की भूमिका खत्म होगी और पशुपालकों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य सीधे प्राप्त होगा।
जिलाधिकारी आशीष भटगांई ने कहा कि यह पहल सीमावर्ती क्षेत्रों में स्थानीय अर्थव्यवस्था को सशक्त करने के साथ-साथ सुरक्षा बलों और ग्रामीण समुदाय के बीच समन्वय बढ़ाने में मील का पत्थर साबित होगी। उन्होंने कहा कि जब स्थानीय स्तर पर ही बाजार उपलब्ध होगा, तो युवाओं का रुझान पशुपालन और मत्स्य पालन की ओर बढ़ेगा, जिससे पलायन की समस्या पर प्रभावी अंकुश लग सकेगा।
एमओयू हस्ताक्षर कार्यक्रम के दौरान अपर जिलाधिकारी योगेंद्र सिंह, मत्स्य विभाग के सहायक निदेशक रमेश चलाल, उप मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ. लाल सिंह सामंत सहित एसएसबी के अधिकारी व जवान उपस्थित रहे।