नैनीताल।हाईकोर्ट ने हरिद्वार की परिवार अदालत के एक फैसले को रद करते हुए नवविवाहित जोड़े को तलाक की मंजूरी दे दी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अदालत ने कहा कि यह शादी एक बेजान मिलन से ज्यादा कुछ नहीं है और यदि दोनों पक्षों को तलाक नहीं दिया जाता है, तो यह दोनों पक्षों के लिए क्रूरता होगी। कोर्ट ने तलाक के समझौते के तहत पति को अपनी पत्नी को स्थाई तौर पर गुजारा भत्ते के रूप में 25 लाख रुपये देने का आदेश भी दिया है। कोर्ट ने कहा है कि यह रकम 26 सितंबर तक देनी होगी।हरिद्वार निवासी एक पुरुष और कानपुर निवासी एक महिला ने दो मई 2019 को शादी की थी। शादी के बाद दोनों 27 मई को अलग हो गए। इसके बाद महिला ने 2021 में दहेज निषेध अधिनियम के तहत मुकदमा भी दर्ज कराया था। हरिद्वार की पारिवारिक मामलों की अदालत ने पति को अपनी पत्नी को 20 हजार रुपये का मासिक भरण-पोषण देने का आदेश दिया, लेकिन निचली अदालत ने तलाक की डिक्री नहीं दी।फैसले से असंतुष्ट पति ने परिवार अदालत के आदेश को याचिका दायर कर हाईकोर्ट में चुनौती दी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रितु बाहरी और न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने इस मामले में निर्णय देते हुए कहा कि यदि इस पुरुष और महिला को इस रिश्ते से मुक्त नहीं किया गया, तो यह क्रूरता होगी। कोर्ट ने पति को निर्देश दिए हैं कि छह सप्ताह के भीतर गुजारा भत्ते की राशि का भुगतान महिला को करे।