तहसीलदार ने संभाला मंदिर समिति का चार्ज, पुजारियों ने बांटी मिठाइयां

अल्मोड़ा। जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति में तहसीलदार बरखा जलाल ने प्रशासक के तौर पर कार्यभार ग्रहण कर लिया है। उनके चार्ज संभालने से पुजारियों और क्षेत्रीय जनता में खुशी की लहर है। लोगों ने मिष्ठान वितरित कर खुशी जताई।

जागेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति में प्रबंधक (वैतनिक) ज्योत्सना पंत का कार्यकाल रविवार को समाप्त हो गया था। दरअसल, मंदिर समिति में हाईकोर्ट के आदेशानुसार प्रबंधक का कार्यकाल अधिकतम तीन साल ही निर्धारित किया गया है। उधर, दूसरी ओर प्रशासन स्तर पर नए प्रबंधक के चयन के लिए बीते जुलाई में ही विज्ञप्ति जारी कर दी गई थी। करीब 14 लोगों ने प्रबंधक पद के लिए आवेदन किया था। लेकिन जांच समिति ने आवेदकों के दस्तावेज अपूर्ण पाए थे। लिहाजा तीन दिन पूर्व ही सभी आवेदनों को निरस्त कर नए सिरे से आवेदन प्रक्रिया शुरू करने की तैयारी हुई थी। आज भनोली की तहसीलदार बरखा जलाल ने जागेश्वर मंदिर सोमवार को जागेश्वर पहुंचकर प्रशासक के तौर पर कार्यभार ग्रहण किया। इससे पहले उन्होंने जागेश्वर ज्योर्तिलिंग, पुष्टी माता, महामृत्युंजय आदि मंदिरों में विधि-विधान से पूजन कर भगवान का आशीर्वाद प्राप्त किया।

स्थानीय लोगों ने किया भव्य स्वागत

प्रशासक के तौर पर कार्यभार ग्रहण करने पहुंची तहसीलदार बरखा जलाल का जागेश्वर के पुजारियों, मंदिर समिति सदस्यों, व्यापारियों सहित जन प्रतिनिधियों ने प्रशासक का भव्य स्वागत करते हुए उन्हें प्रतीक चिह्न भेंट किया। लोगों ने उनसे अव्यवस्थाओं को जल्द दुरुस्त करवाने की मांग उठाई। इस मौके पर मंदिर समिति उपाध्यक्ष नवीन भट्ट, पुजारी प्रतिनिधि पंडित नवीन चंद्र भट्ट, ज्येष्ठ ब्लॉक प्रमुख योगेश भट्ट, पंडित शुभम भट्ट, पंडित लक्ष्मी भट्ट, पूर्व प्रबंधक भगवान भट्ट, पूर्व प्रधान हरिमोहन भट्ट, व्यापार मंडल अध्यक्ष मुकेश भट्ट, खष्टी भट्ट, नाथु भट्ट, गिरीश भट्ट,दयाल पांडे, विपिन भट्ट, पंडित कैलाश भट्ट, भगवान भट्ट आदि मौजूद रहे।

व्यवस्थाएं जल्द लौटेंगी पटरी पर:प्रशासक

प्रशासक ने कार्यभार ग्रहण करते ही मंदिर में बिजली, सफाई, पेयजल, मैटिंग सहित अन्य अव्यवस्थाओं को दूर करने के लिए तत्काल संबंधित अधिकारियों को फोन कर व्यवस्थाएं दुरुस्त करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति सदस्यों और पुजारियों से सहयोग लेकर व्यवस्थाओं को मजबूत बनाने की कोशिश की जाएगी। साथ् ही उन्होंने मंदिर समिति के कर्मचारियों को भी जरूरी दिशा निर्देश दिए। पहले दिन ही उन्होंने कर्मचारियों की ड्यूटियों के समय में भी परिवर्तन किया।