देहरादून/मसूरी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मसूरी के लाल बहादुर शास्त्री प्रशासन अकादमी में 99वें फाउंडेशन कोर्स के दीक्षांत समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उन्होंने अधिकारियों को सरकार को प्रतिक्रियाशील नहीं बल्कि सक्रिय बनाने का आह्वान किया।
शाह ने कहा कि अधिकारियों का काम सरकार को रियेक्टिव नहीं बल्कि एक्टिव बनाना है। उन्होंने युवा अधिकारियों को भविष्य में बेहतर काम करने के गुर भी बताए। उन्होंने कहा कि प्रगति वही कर सकता है जिसके अंदर अंतिम सांस तक छात्र बने रहने की भावना जिंदा रहती है।
उन्होंने लबासना के मंच पर देश को नक्सलवाद से मुक्त करने के लक्ष्य को भी दोहराया। उन्होंने कहा कि 31 मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त कर दिया जाएगा।
शाह ने कहा कि सिविल सेवा में स्व से पर यानी अपने से पहले दूसरों के बारे में विचार करने से बड़ा कोई मंत्र नहीं होता है। सार्वजनिक जीवन में जाने के बाद अधिकारियों को लोगों के जीवन को आगे बढ़ाने के प्रयास करने चाहिए।
उन्होंने युवा अधिकारियों को टास्क दिया कि वे जहां जिस स्थान पर भी पोस्टिंग जाएं वहां के अलग-अलग पड़े डाटा को एआई की मदद से एक साथ लाने का काम करें। ये छोटे-छोटे प्रयोग देश को आगे बढ़ाने में उपयोगी होंगे। विकास आंकड़ों से नहीं बल्कि परिणाम से होता है।