नैनीताल। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव की प्रक्रिया पर हाईकोर्ट ने रोक हटाने का महत्वपूर्ण निर्णय सुनाया है। शुक्रवार को चीफ जस्टिस कोर्ट ने सुनवाई के दौरान इस मामले में अहम फैसला सुनाया, जिससे राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है।

क्या था मामला?
बागेश्वर निवासी गणेश कांडपाल सहित अन्य ने याचिका दायर कर राज्य सरकार की ओर से 9 जून व 11 जून को जारी नियमावली व परिपत्र को चुनौती दी थी। याचिकाकर्ताओं का कहना था कि सरकार ने आरक्षण रोस्टर को शून्य घोषित कर दिया था और नया रोचक जारी कर उसे पहली बार वर्तमान चुनाव से लागू माना। उनका तर्क था कि यह नियमावली कोर्ट के पूर्व आदेश के विरुद्ध है और पंचायती राज अधिनियम 2016 की धारा-126 के अनुसार कोई भी नियम तभी प्रभावी माना जाएगा जब उसका सरकारी गजट में प्रकाशन होगा।
हाईकोर्ट का निर्णय
हाईकोर्ट ने सुनवाई के दौरान राज्य सरकार की दलीलों को स्वीकार करते हुए रोक हटाने का निर्णय सुनाया। इस निर्णय से राज्य में पंचायत चुनाव की प्रक्रिया आगे बढ़ सकेगी। कोर्ट के इस फैसले से राज्य सरकार को बड़ी राहत मिली है और अब पंचायत चुनाव की तैयारियां तेजी से आगे बढ़ सकेंगी।
आगे क्या होगा?
अब राज्य सरकार पंचायत चुनाव की प्रक्रिया को आगे बढ़ा सकेगी। चुनाव आयोग ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं और जल्द ही चुनाव की तारीखों का ऐलान किया जा सकता है।