पिथौरागढ़। जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने पिथौरागढ़ के रामलीला मैदान में आयोजित सातू- आठू महोत्सव में भाग लिया और सभी जनपद वासियों को इस पर्व की शुभकामनाएं दीं। इस दौरान उन्होंने इस पर्व के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह हमारी एकता का प्रतीक है। उन्होंने कहा, “इस तरह के पर्वों को मनाकर हम अपनी संस्कृति को संरक्षित और प्रचारित कर रहे हैं, जो पिथौरागढ़ के लिए गर्व की बात है। हमें अपने प्राचीन त्योहारों को इसी तरह आगे बढ़ाना चाहिए।”
उन्होंने बताया कि सातू- आठू पर्व उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र, विशेष रूप से पिथौरागढ़ का एक महत्वपूर्ण लोक पर्व है। यह कुमाऊंनी संस्कृति का अभिन्न अंग है, जो मां गौरा (पार्वती) और भगवान महेश (शिव) की पूजा से जुड़ा है। यह पर्व एकता, सौभाग्य और बुरी शक्तियों पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है।
जिलाधिकारी ने आगे कहा कि यह पर्व कुमाऊंनी समुदाय की सांस्कृतिक और धार्मिक एकता को दर्शाता है। इसे मुख्य रूप से महिलाएं बहुत उत्साह के साथ मनाती हैं, हालांकि पुरुष भी इसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं। यह पर्व सामाजिक सद्भाव और भाईचारे को बढ़ावा देता है।
कार्यक्रम में विधायक मयूख महर, मेयर नगर निगम कल्पना देवलाल और बड़ी संख्या में स्थानीय नागरिक कलाकार मौजूद रहे।
