पिथौरागढ़। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार शाम को कुमौड़ हिलजात्रा के अवसर पर सोर घाटी की जनता और श्रद्धालुओं को वर्चुअल माध्य से संबोधित किया। उन्होंने इस 500 साल पुरानी ऐतिहासिक परंपरा को बनाए रखने के लिए हिलजात्रा समिति और स्थानीय जनता को हार्दिक शुभकामनाएं दीं। मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को आस्था और मनोरंजन का अद्वितीय संगम बताते हुए इसकी ऐतिहासिक पहचान की सराहना की।

विरासत और संस्कृति का संदेश
मुख्यमंत्री धामी ने अपने संबोधन में कहा कि गौरा-महेश की पारंपरिक पूजा और सातू-आठू की परंपरा हमारी लोक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। उन्होंने कुमौड़ के चार महर भाइयों की शौर्यगाथा से जुड़े मुखौटों की परंपरा को याद करते हुए कहा कि ये आज भी सुख, समृद्धि और खुशहाली का संदेश देती हैं। मुख्यमंत्री ने लाखिया बाबा, गलियां, बैल, किसान, हालिया और पुतरिया जैसे सभी स्वरूपों को हमारी मिट्टी और संस्कृति से गहराई से जुड़ा बताया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह पर्व भले ही वीरता से शुरू हुआ हो, लेकिन समय के साथ यह कृषि पर्व का रूप ले चुका है।
भावी पीढ़ी के लिए प्रेरणा
मुख्यमंत्री ने बदलते दौर में भी अपनी परंपराओं से जुड़े रहने के लिए सोर घाटी की जनता की सराहना की। उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारी धरोहर को भावी पीढ़ियों तक पहुँचाने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। धामी ने इस भावना को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के “विरासत पर गर्व” के संकल्प से जोड़ते हुए कहा कि पूरा देश इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है। उन्होंने उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा के संरक्षण व संवर्धन में लगे सभी कलाकारों और आयोजकों की सराहना की।
जिलाधिकारी और अन्य गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति
इस अवसर पर जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी ने मुख्य अतिथि के रूप में प्रतिभाग किया और जनता से इस विरासत को संरक्षित करने का आग्रह किया। कार्यक्रम में दर्जा राज्यमंत्री गणेश भंडारी, जिला पंचायत अध्यक्ष जितेंद्र प्रसाद, भाजपा जिला अध्यक्ष गिरीश जोशी, नगर निगम पिथौरागढ़ की महापौर कल्पना देवलाल, और बड़ी संख्या में सोर घाटी की जनता ने भाग लिया।