पिथौरागढ़।जनपद में सब्जियों के निरंतर बढ़ते मूल्य ने गृहिणीयों की रसोई बिगाड़ दी है। जिला मुख्यालय में दो सब्जियों को छोड़ दे तो अन्य ऐसी कोई भी सब्जी नहीं है जिसका मूल्य 50 रुपये से कम हो। कभी दस रुपये में ढाई किलो मिलने वाला आलू भी अब 40 रुपये प्रतिकिलो पहुंच गया है। महिलाओं का कहना है कि सब्जियों के लगातार बढ़ते मूल्य से घर चलाना मुश्किल हो गया है। महिलाओं ने कहा कि बीत एक दशक के अंतराल में सब्जियों के मूल्य में बेतिहाशा वृद्धि हुई है। कहा कि तब कभी सोच भी नहीं सकते थे, प्रतिकिलो टमाटर, प्याज जैसी हर रसोई की जरूरत के लिए 200-200 रुपये भी खर्च करने पड़ेगे। दस से 15 रुपये के भीतर बाजार में प्रतिकिलो प्याज टमाटर मिल जाता था। कहा कि तब 50 रुपये में झौला भरकर सब्जी मिलती थी, लेकिन अब 200 रुपये खर्च करने पर भी झौला नहीं भरता है। महंगाई की मार ने सब्जियों का मूल्य आसमान पहुंचा दिया है। वर्तमान में टमाटर के लिए 80 रुपये खर्च करने पड़ रहे हैं। मूल्य वृद्धि से सब्जी खरीदना ही भारी पड़ रहा है।
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बोली महिलाएं
सब्जियों के मूल्य एक दशक के भीतर तेजी से बढ़े हैं। पूर्व में दस रुपये के ढाई से तीन किलो आलू मिलता था। वर्तमान में एक किलो आलू के लिए ही कई गुना अधिक धन खर्च करना पड़ रहा है। सरकार को महंगाई पर रोक लगाने के प्रयास करने चाहिए। – निशी रावल, गृहिणी
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सब्जियों के दाम में वृद्धि होने से घर चलाना मुश्किल हो गया है। अधिकतर सब्जियों का प्रतिकिलो मूल्य बाजार में 50 रुपये अधिक है। बजट को ध्यान में रखते हुए सोच समझकर खरीदानी करनी पड़ रही है। – राधिका भंडारी, गृहिणी
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सब्जियों के मूल्य प्रति किलो अनुसार
सब्जी मूल्य
शिमला मिर्च 80
करेला 60
कटहल 60
टमाटर 80
टमाटर पहाड़ी 60
प्याज 60
आलू 40
तुरई 60
लौकी 40
पत्ता गोभी 60
खीरा 60
भिंडी 60
बैगन 50
कद्दू 50
मिर्च 120
पहाड़ी मूली 60
धनिया 10 (एक गड्डी)
लिंगुडा 25 (एक गड्डी)
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