पिथौरागढ़। जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के दावे कर चंडाक क्षेत्र में बने ट्यूलिप गार्डन को बड़ी उपलब्धि बताया गया। ट्यूलिप के नाम पर 20 लाख रुपये भी खर्च कर डाले। अब यह योजना फेल हो गई है। लाखों रुपये खर्च करने के बाद अब मौसम अनुकूल न होने की बात कह जिम्मेदारी से पल्ला झाड़ा जा रहा है, जो चर्चा का विषय बना हुआ है। आरटीआई के तहत मिली सूचना से सिस्टम के इस कारनामे से पर्दा उठा ।
13 डिस्ट्रिक, 13 डेस्टिनेशन के तहत नगर के चंडाक क्षेत्र में वर्ष 2021 में ट्यूलिप गार्डन को तैयार किया गया।
तब 1.77 करोड़ की स्वीकृति देकर शासन और प्रशासन स्तर पर इसे बड़ी उपलब्धि बताया। दावा था कि ट्यूलिप गार्डन सीमांंत के पर्यटन कारोबार को बढ़ाएगा। इसे धरातल पर उतारने के लिए उद्यान, ग्रामीण निर्माण, वन और पर्यटन विभाग ने मिलकर काम किया और इसमें 19,93,688 रुपये खर्च कर दिए। बल्ब रोपने में ही 10 लाख रुपये से अधिक खर्च हुए। पहली बार इनमें फूल खिले और अगले साल ही यह गार्डन दम तोड़ गया। लंबे समय से गार्डन में फूल नहीं दिखे और नगर निवासी अशोक सिंह उपरारी ने आरटीआई के माध्यम से इसके कारण जानने के लिए सूचना मांगी तो सिस्टम का कारनामा उजागर हुआ। जो सूचना पर्यटन विभाग ने दी है उसमें इस योजना को साफ तौर पर फेल बताया गया है। पर्यटन विभाग के मुताबिक मोस्टमानू गार्डन में रोपे गए ट्यूलिप के बल्ब से बीजोत्पादन न हो रहा। देश में ही बीजोत्पादन के लिए फोरेंसिक टैक्नोलॉजी उपलब्ध नहीं है। ऐसे में हर साल बल्ब खरीदना संभव नहीं है। ऐसे में अगले ही साल से बल्ब रोपने बंद कर दिए गए इसके विस्तारीकरण का काम रुकने से यह योजना दम तोड़ गई। इन हालात में लाखों खर्च करने के बाद बना ट्यूलिप गार्डन बंजर होने की कगार पर पहुंच गया है।
वन विभाग में डंप है ट्यूलिप के 72 लाख रुपये
आरटीआई से मिली सूचना के अनुसार मोस्टमानू मंदिर के पास ट्यूलिप गार्डन को धरातल पर उतारने के लिए 72 लाख रुपये वन विभाग को जारी हुए थे। कार्यदायी संस्था वन विभाग ने यह धन खर्च नहीं किया जो अब भी उसके खाते में डंप है। यह बजट वन विभाग को पर्यटन विभाग को वापस करना है।
ट्यूलिप गार्डन के नाम पर खर्च किया गया धन इस प्रकार है:
चैन लिंग फैंसिंग: ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा 5,86,000 रुपये खर्च किए गए।
क्यारियों में ईंट और तारबाड़: ग्रामीण निर्माण विभाग द्वारा 85,000 रुपये खर्च किए गए।
बल्ब खरीद और रोपण: उद्यान विभाग द्वारा 10,25,688 रुपये खर्च किए गए।
मोस्टमानू चंडाक में ट्यूलिप गार्डन का निर्माण किया गया था। पहली बार में अच्छे फूल खिले लेकिन मौसम अनुकूल न होने और बीजोत्पादन न होने से इसमें बल्ब का रोपण रोकना पड़ा। अब इसमें बल्ब के रोपण की संभावना कम है।
कीर्ति चंद्र आर्या, जिला पर्यटन अधिकारी, पिथौरागढ़।