आईटीबीपी के साथ एमओयू से स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

पिथौरागढ़। उत्तराखंड सरकार और आईटीबीपी के बीच हुए एमओयू से जनपद के पशुपालकों को बड़ा फायदा हो रहा है। इस समझौते के तहत जिला प्रशासन द्वारा आईटीबीपी की विभिन्न पोस्टों को मत्स्य, मांस, चिकन और दुग्ध खाद्य पदार्थों की सप्लाई की जा रही है।

कलेक्ट्रेट सभागार में जिलाधिकारी विनोद गोस्वामी की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में मुख्य विकास अधिकारी डॉ. दीपक सैनी ने बताया कि आईटीबीपी की 07, 14 और 36 बटालियन को सीप, गोट, ट्राउट फिश और पोल्ट्री पदार्थों की सप्लाई की जा रही है, जिसकी गुणवत्ता और मात्रा से आईटीबीपी बटालियन संतुष्ट है। उन्होंने कहा कि आगे भी आईटीबीपी से पानीर, अंडे और सीजनल सब्जियों की डिमांड प्राप्त हो रही है।

डॉ. सैनी ने जनपद के किसानों से उत्तराखंड सरकार और आईटीबीपी के बीच हुए एमओयू का फायदा उठाने की अपील की है। उन्होंने दुग्ध, सब्जी और अंडा उत्पादन करने की बात कही, जिससे किसानों को अपने उत्पादों के लिए अच्छी कीमत मिल सके।

इसी प्रकार आईटीबीपी के अधिकारियों ने भी कहा कि उन्हें अच्छी और गुणवत्तायुक्त सप्लाई प्राप्त हो रही है, और आगे भी अन्य चीजों की डिमांड की जाएगी। जिलाधिकारी ने मुख्य पशुचिकित्साधिकारी को निर्देश दिए हैं कि सप्लाई की जा रही चीजों की गुणवत्ता और मात्रा की जांच की जाए।

इस समझौते से प्रदेश की लगभग 80 से अधिक सहकारी समितियों के माध्यम से लगभग 11 हजार से अधिक पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा, जिसमें प्रमुख रूप से 7 हजार महिलाएं शामिल हैं। यह समझौता स्थानीय आजीविका बढ़ाने में अहम भूमिका निभाएगा और सालाना 200 करोड़ के कारोबार का अवसर प्रदान करेगा।