देहरादून। उत्तराखंड के 21 निगमों और स्वायत्तशासी संस्थाओं के कर्मचारियों को भी अब राज्य स्वास्थ्य योजना (गोल्डन कार्ड) के तहत सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से योजना को लागू करने का निर्णय लिया गया है। प्रदेश में वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों के लिए राज्य स्वास्थ्य योजना लागू है। निगम और स्वायत्तशासी संस्थाओं को योजना के दायरे से बाहर रखा गया था। समय-समय पर कर्मचारियों की की मांग को देखते हुए निगमों और स्वायत्तशासी संस्थाओं जैसे उरेडा, सिडकुल, जल संस्थान, वन विकास निगम, परिवहन निगम, पर्यटन विकास परिषद, जीएमवीएन, एमडीडीए, उत्तराखंड मुक्त विवि, आयुर्वेद विवि, कुमाऊं इंजीनियरिंग कॉलेज, वीर माधो सिंह भंडारी प्रौद्योगिकी विवि, उत्तराखंड कोऑपरेटिव रेशम फेडरशन, महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स कॉलेज, हरि सिंह थापा स्पोर्ट्स कॉलेज, जिला पंचायत उत्तराखंड, उत्तराखंड चाय विकास बोर्ड, नेहरू पर्वतारोहण संस्थान, दून विवि, बदरी केदारनाथ मंदिर समिति, इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट केटरिंग टेक्नोलॉजी एंड एप्लाइड नुट्रीसन और गोविन्द बल्लभ पंत इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी को योजना में शामिल करने को मंजूरी दे दी गई है।
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उत्तराखंड के अलावा अन्य प्रदेशों के अस्पतालों में भी इलाज की सुविधा
देहरादून। गोल्डन कार्ड योजना के तहत उत्तराखंड और अन्य प्रदेशों में कुल 272 अस्पताल इम्पैनल्ड किए गए हैं। इन सभी अस्पतालों में कर्मचारियों व उनके परिजनों को विभिन्न बीमारियों का अनलिमिटेड कैशलेस इलाज मिलेगा। इससे कर्मचारियों को इलाज के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा और इलाज से पहले उन्हें मोटी धनराशि एकत्र करने की भी जरूरत नहीं होगी।
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प्रीमियम के आधार पर मिलेगा इलाजदे
हरादून। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की ओर से जिन निगमों और संस्थाओं में योजना को लागू किया जा रहा है उनके कर्मचारियों को इसके लिए मासिक या सालाना आधार पर प्रीमियम चुकाना होगा। कई निगमों से प्रीमियम आना शुरू हो गए हैं, जबकि कई के प्रीमियम को लेकर अभी प्रस्ताव तैयार हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि प्रीमियम जमा होने के बाद कर्मचारियों को योजना का लाभ मिलना शुरू हो जाएगा।