पिथौरागढ़। मोदी सरकार के मुताबिक देश में विकास की बयार बह रही है, लेकिन इस बयार से नेपाल, चीन सीमा पर बसे सीमांत जिले के कुछ गांव महरूम हैं। ऐसे ही एक गांव है बंगापानी तहसील का कनार। कहने को इस गांव में रहने वाले लोग आजाद है, लेकिन इनका जीवन गुलाम भारत जैसा है। आजादी की 78वीं वर्षगांठ मनाए अभी कुछ ही दिन गुजरे हैं, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि कनार गांव में सड़क नहीं है। गुरुवार को सड़क न होने का खामियाजा 22 वर्षीय चंद्रा देवी पत्नी प्रकाश सिंह को भी भुगतना पड़ा। स्थानीय विक्की चिराल, जगदीश परिहार ने बताया कि महिला बीते कुछ दिनों से बीमार बुखार से तप रही है। पथरीले रास्ते के बीच ग्रामीण 16किमी दूर लकड़ी का स्टेचर बनाकर महिला को लाए। दो माह की बच्ची होने से परिजन उसे भी साथ लेकर आए, लेकिन दिनभर डोली ढोहने के बाद भी ग्रामीण बरम तक महिला को लेकर पहुंच सके। अब महिला को अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्रामीण अगली सुबह होने का इंतजार कर रहे हैं। अंधेरा होने से परिजनों ने बरम में ही रात्रि विश्राम करने का निर्णय लिया है।
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