(राकेश वर्मा ) हिंदू धर्म में गोवर्धन पूजा एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे भगवान कृष्ण के गोवर्धन पर्वत को उठाने के रूप में मनाया जाता है। इस पूजा में गोबर का उपयोग एक विशेष महत्व रखता है, जो प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है।
दिवाली के एक दिन बाद गोवर्धन पूजा मनाया जाता है, जो भगवान कृष्ण की जीत और गोवर्धन पर्वत की रक्षा के उपलक्ष्य में है। यह त्योहार भगवान कृष्ण की शक्ति और उनकी रक्षा की याद दिलाता है।
गोवर्धन पूजा की कथा
गोकुल के लोग इंद्र की पूजा करते थे, लेकिन भगवान कृष्ण ने उन्हें बताया कि इंद्र की पूजा करने की आवश्यकता नहीं है। इंद्र क्रोध में थे और उन्होंने गोकुल पर वर्षा की, लेकिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी उंगली पर उठाकर गोकुल के लोगों को सुरक्षित रखा।
पूजा विधि
गोवर्धन पूजा के दिन, लोग भगवान कृष्ण और गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं। वे घरों में अन्नकूट बनाते हैं और भगवान कृष्ण को भोग लगाते हैं। इसके अलावा, लोग गोवर्धन पर्वत की पूजा करते हैं और उसे फूलों और पत्तियों से सजाते हैं।
महत्व
गोवर्धन पूजा का महत्व हिंदू धर्म में बहुत अधिक है। यह त्योहार भगवान कृष्ण की शक्ति और उनकी रक्षा की याद दिलाता है। यह त्योहार हमें यह भी याद दिलाता है कि भगवान हमेशा हमारी रक्षा करते हैं और हमें कभी नहीं छोड़ते।
गोवर्धन पूजा के अवसर पर, लोग अपने घरों में अन्नकूट बनाते हैं और भगवान कृष्ण को भोग लगाते हैं। वे अपने परिवार और मित्रों के साथ मिलकर इस त्योहार को मनाते हैं और भगवान कृष्ण की कृपा प्राप्त करने की कामना करते हैं।
अन्नकूट का महत्व
अन्नकूट का अर्थ ‘अन्न का पर्वत’ होता है। गोवर्धन पूजा के दौरान तरह-तरह की खाद्य चीजों का एक पर्वत जैसा आकार बनाया जाता है और इसे भगवान को चढ़ाया जाता है। इस भोग में कढ़ी, चावल, खीर, पूड़ी, सब्जियां और कई अन्य व्यंजन शामिल होते हैं।
गोबर का महत्व
गोबर को पवित्र माना जाता है और इसका उपयोग घरों को साफ करने, पूजा करने और देवताओं को अर्पित करने में किया जाता है। भगवान कृष्ण ने जब गोवर्धन पर्वत को उठाया था, तब उन्होंने इसे गोबर के रूप में भी देखा था। इसीलिए गोबर का उपयोग गोवर्धन पूजा में विशेष महत्व रखता है।
गोवर्धन पूजा के दिन गोबर से बने गोवर्धन पर्वत का निर्माण करके कृषि के महत्व को दर्शाया जाता है। गोबर का उपयोग खेतों में खाद के रूप में किया जाता है, जो प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का एक तरीका है।